रामायन सतकोटि अपारा
महर्षि वाल्मीकि कृत रामायण और तुलसीदास के रामचरितमानस के अतिरिक्त रामायण की रचना अनेक भाषाओं में हुई है। इससे पता चलता है कि हिन्दू जगत में रामायण का कितना महत्व और प्रभाव है इन दिनों सम्पूर्ण देश व...
View Articleलोकनायक हैं राम
पूजा राम की होती है। राम ने जीवन भर मर्यादाओं का पालन किया। राम सिर्फ राजा नहीं, बल्कि लोकनायक हैं। समतामूलक समाज की कल्पना सर्वप्रथम राम ही देते हैं। राम सबके हैं और वह सबमें हैं। गत दिनों नई दिल्ली...
View Article‘तीर्थंकर भगवान महावीर’ विशेषांक का विमोचन
गत अप्रैल को पुणे में मासिक हिंदी पत्रिका ‘विवेक’ द्वारा प्रकाशित ‘तीर्थंकर भगवान महावीर’ विशेषांक का विमोचन हुआ। विमोचन किया जैन तपस्वी उपाध्याय प. पू. प्रवीण ऋषि जी महाराज और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ...
View Articleपढ़ी जा रही हैं किताबें बस स्वरूप बदला है, पुस्तक नायक है और गूगल सहायक : डॉ....
नोएडा : मनुष्य के सामाजिक जीवन में पुस्तक का महत्व रेखांकित करते हुए प्रख्यात साहित्यकार डॉ. देवेन्द्र दीपक ने कहा कि पुस्तक नायक है और गूगल सहायक। गूगल जो भी साहित्यक सामग्री आपके समक्ष प्रस्तुत करता...
View Articleइतिहास में नक्शों एवं वंशावली का महत्व
इतिहास को नक्शों के माध्यम से समझें तो वह नीरस न होकर रुचिकर हो जाता है एवं कालखंड भी आसानी से समझ में आ जाते हैं। जब इतिहास को संस्कृति के माध्यम से उकेरा जाता है तो वह हृदय में उतरता है। दीपक कुमार...
View Articleविवाद और पहचान का संकट
इस्लामिक आक्रांताओं ने भारत को लूटा, सनातन संस्कृति को नुकसान पहुंचाया और यहां बसे भी। लेकिन उन्होंने भारतीय संस्कृति को आत्मसात नहीं किया। जब वे भारत से भारतीयता को नहीं निकाल सके तो यहां के लोगों को...
View Article‘एकात्म मानव दर्शन संकल्पना कोश’ का कुरुक्षेत्र में लोकार्पण
कुरुक्षेत्र में गत दिनों ‘एकात्म मानव दर्शन संकल्पना कोश’ का लोकार्पण हुआ। ‘एकात्म मानव दर्शन संकल्पना कोश’ के लोकार्पण समारोह में कई विशिष्ट व्यक्तियों ने हिस्सा लिया। समारोह का आयोजन ‘पुनरुत्थान...
View Article‘खान मार्केट गैंग’ का गुप्त गठजोड़ उजागर
कश्मीर पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की एक लोकप्रिय कविता है, जिसमें उनकी एक पंक्ति है- ‘चिंगारी का खेल बुरा होता है।’ वर्तमान दौर में यह चिंगारी फेक नैरेटिव के रूप में दिखती है और यह खेल...
View Article‘अथातो बिंब जिज्ञासा’ का लोकार्पण
गत जुलाई को पुणे में मंदिर स्थापत्य तथा मूर्ति विज्ञान के वरिष्ठ शोधकर्ता डॉ. गो. बं. देगलूरकर द्वारा संशोधित और लिखित मराठी पुस्तक ‘अथातो बिंब जिज्ञासा’ का लोकार्पण हुआ। लोकार्पणकर्ता थे राष्ट्रीय...
View Article‘शिवाजी भारत के भाग्यविधाता थे’
गत 31 जुलाई को नई दिल्ली में छत्रपति शिवाजी महाराज और मराठा साम्राज्य से जुड़ीं आठ पुस्तकों का विमोचन हुआ। पहली पुस्तक ‘छत्रपति शिवाजी महाराज’ (हिंदवी स्वराज : शिवाजी की अखिल भारतीय संकल्पना, मुगलों से...
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